
बीएसएफ जवान पूर्णम कुमार शॉ, जो 23 अप्रैल 2025 को पंजाब के फिरोजपुर सेक्टर में गश्त के दौरान गलती से अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर पाकिस्तान की सीमा में चले गए थे, उन्हें पाकिस्तान रेंजर्स ने पकड़ लिया था। लगभग तीन सप्ताह की हिरासत के बाद, 14 मई 2025 को सुबह 10:30 बजे उन्हें अमृतसर के अटारी-वाघा सीमा पर भारत को सौंप दिया गया।
Navbharattimes रिपोर्ट -उनकी रिहाई के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच कई बार फ्लैग मीटिंग्स और अन्य संचार माध्यमों के माध्यम से बातचीत हुई। भारत सरकार के “ऑपरेशन सिंदूर” नामक अभियान और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कूटनीतिक सख्ती ने इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
पूर्णम कुमार शॉ की पत्नी, रजनी शॉ, ने उनकी सुरक्षित वापसी पर खुशी जताई और प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, “पीएम मोदी हैं तो सबकुछ संभव है।
रिहाई के बाद, शॉ को मेडिकल जांच और काउंसलिंग के लिए भेजा गया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हिरासत के दौरान उन्हें कोई शारीरिक या मानसिक यातना नहीं दी गई।
इस घटनाक्रम ने दोनों देशों के बीच संवेदनशील सीमा मुद्दों को शांति और संवाद के माध्यम से सुलझाने की दिशा में एक सकारात्मक संकेत दिया है।


Author: News65live
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